आज के लेख में हम आपको उत्तानासन के बारे में बता रहे है| यह योग क्रिया अधिकतर लोगो के लिए फायदेमंद है क्योकि यह हमें अक्सर होने वाली समस्या जैसे की कमर दर्द, और पीठ दर्द से निजात दिलाती है|
इसलिए इस आसन को आपको अपनी दिनचर्या में जरुर शामिल करना चाहिए| कमर और पीठ दर्द से निजात दिलाने के अलावा यह आपको पेट से सम्बंधित भी कई रोगों को ठीक करती है|
यह एक बेसिक योग पोस है, और अंग्रेजी में इसे Standing Forward Bend कहा जाता है| उत्तानासन, शब्द संस्कृत से आया है, यह तीन शब्दों से मिलकर बना है उत+तन+आसन| उत का मतलब होता है तीव्र, तन से यहाँ पर मतलब स्ट्रेचिंग से है, वही आसन का मतलब होता है मुद्रा
उत्तानासन की विधि
- सबसे पहले एक समतल जगह पर दरी बिछाकर खड़े हो जाये| अपने पैरो को थोड़ी दुरी पर रखे और कंधो को एक दम सीधा रखे|
- आप जब खड़े रहेंगे तो शक्तिशाली तरीके से खड़े रहे| अपने पैरो के पंजे पर अपना वजन नियंत्रण रखे|
- अब सामान्य तरीके से सांस ले और कमर से निचे की और झुख जाये|
- आपको इस तरह से झुकना है की आपका सीना आपके घुटनों को छुए|
- इस स्तिथि में रहते वक्त आपके घुटने सीधे रहना चाहिए|
- लेकिन यदि आप योग के लिए नए है और आपसे यह नहीं करते बन रहा है तो आप अपने घुटनों को थोडा सा मोड़ सकते| लेकिन आपके टखने बिलकुल सीधे होना चाहिए|
- अपने शरीर को थोडा सा स्ट्रेच करे और कोशिश करे की आपका सीना और पेट आपके पैर की जांघो से चिपका हुआ रहे|
- अब अपने नितम्ब को ऊपर की और उठाये और अपने हाथो से अपने पंजो को पकड़ने की कोशिश करे|
- कुछ सेकंड्स इसी मुद्रा में बने रहे| आप 30 सेकंड्स से 1 मिनट तक रह सकते है|
- इस स्तिथि में सामान्य रूप से सांस ले और छोड़ते रहे|
- इस आसन के दौरान अपनी आँखों को बंद ना करे|
- इस आसन से सामान्य स्तिथि में आने के लिए अपने हाथो को अपने नितम्ब पर रख कर सहारा दे और सांस लेते हुए पहले की अवस्था में आ जाये|
उत्तानासन के फायदे
- यह पीठ, कंधे और गर्दन के तनाव को दूर करके, इसके दर्द को दूर करता है|
- यह कुल्हे में भी लचीलापन लाता है, साथ ही इसे अच्छे शेप में करता है|
- यह आपके शरीर में जिगर, गुर्दे और तिल्ली के कार्यों को बनाए रखता है।
- इससे घुटने और रीढ़ की हड्डी को ताकत मिलती है| यदि आप चाहते है की बुढ़ापे में आपको आर्थराइटिस न हो तो इसे पहले से अपनी दिनचर्या में शामिल कर ले|
- उत्तानासन रक्त परिसंचरण की प्रक्रिया में सुधार करता है जिससे कोलेस्ट्रोल की समस्या नहीं होती है|
- यह आपके शरीर की मुद्रा को सुधारता है|
- यह हैमस्ट्रिंग की तरह पैर की मांसपेशियों को खींचने के लिए उपयोगी है।
- इससे आपका पाचन तंत्र सुधरता है|
- यह पैरों के पार्श्व भागों को लचीला और मजबूत बनाता है|
- तनाव दूर करने में भी यह आसन मददगार है|
- यह आपके पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करने के लिए उपयोगी है।
उत्तानासन के पहले किये जाने वाले आसन
- अधोमुख शवासन
- जणू सिरसासन
- पश्चिमोत्तानासन
- सुप्त पादांगुष्ठासन
उत्तानासन के बाद किये जाने वाले आसन
- स्टैंडिंग पोसेस
- सीटेड फॉरवर्ड बेंड्स
इस आसन को करके आप भी इसका फायदा पा सकते है| लेकिन एक बात का ख्याल रखे की यदि आपको पीठ में किसी तरह की चोट लगी है तो इसे ना करे| साथ ही यदि आपको निचे देखने के बाद चक्कर आते है तो भी इसे ना करे